शिमला: रोहड़ू क्षेत्र में बच्चे के आत्महत्या करने पर माकपा और दलित संगठनों ने शिमला में किया जोरदार प्रदर्शन
शिमला: रोहड़ू क्षेत्र में बच्चे के आत्महत्या करने पर माकपा और दलित संगठनों ने शिमला में किया जोरदार प्रदर्शन
💔 शिमला: रोहड़ू में जातीय भेदभाव से बच्चे की आत्महत्या पर बवाल — माकपा व दलित संगठनों का जोरदार प्रदर्शन 💔
शिमला, 6 अक्टूबर 2025 – हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले के रोहड़ू क्षेत्र में एक बच्चे द्वारा जातीय भेदभाव से तंग आकर आत्महत्या करने की घटना ने प्रदेशभर में गंभीर आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना के विरोध में आज शिमला में माकपा (CPI-M) और विभिन्न दलित संगठनों ने मिलकर जबरदस्त प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियाँ, बैनर और संविधान की प्रतियां लेकर राज्य सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी की। वे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और जातिगत भेदभाव के खिलाफ सख्त क़ानून की माँग कर रहे थे।
❗ “यह संविधान और मानवता दोनों का अपमान है” — संजय चौहान
पूर्व महापौर संजय चौहान ने कहा कि
"दलित समाज के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। यह घटना न केवल संविधान का अपमान है, बल्कि मानवता पर भी सीधा हमला है।"
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि छुआछूत, जातीय हिंसा और सामाजिक भेदभाव की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।
❗ “बच्चा सिर्फ़ इसलिए मरा क्योंकि वो उच्च जाति के घर गया था — ये सोच शर्मनाक है” — राकेश सिंघा
माकपा नेता राकेश सिंघा ने इस घटना को हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था और सामाजिक चेतना पर एक काला धब्बा बताया।
"एक मासूम बच्चा सिर्फ इसलिए आत्महत्या करने पर मजबूर हो गया क्योंकि वह उच्च जाति के किसी घर में चला गया था। यह सोच ही इस समाज की सबसे बड़ी बीमारी है।"
उन्होंने मांग की कि दोषियों पर SC/ST एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई हो और स्कूलों व संस्थानों में जातिगत भेदभाव पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए।
प्रदर्शन के दौरान न्यायिक जांच की मांग, पीड़ित परिवार को सुरक्षा और मुआवज़ा, और स्कूल प्रशासन की भूमिका की जांच की भी माँग की गई।
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SOURCE: BUREAU
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