भारत-ब्रिटेन आर्थिक साझेदारी में एक नया अध्याय: समग्र आर्थिक और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर
भारत-ब्रिटेन आर्थिक साझेदारी में एक नया अध्याय: समग्र आर्थिक और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर
भारत-ब्रिटेन आर्थिक साझेदारी में एक नया अध्याय: समग्र आर्थिक और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर
भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच संबंधों में आज एक ऐतिहासिक मोड़ आया है, जब दोनों देशों ने समग्र आर्थिक और व्यापार समझौते (Comprehensive Economic and Trade Agreement - CETA) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
समझौते के प्रमुख बिंदु:
1. व्यापार और निवेश को मिलेगा नया बल
इस समझौते से भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार और निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। यह द्विपक्षीय व्यापार को सरल बनाएगा और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करेगा।
2. रोजगार और विकास के नए अवसर
यह समझौता दोनों देशों में नए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा। विशेष रूप से विनिर्माण, आईटी, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं पैदा होंगी।
3. स्टार्टअप्स और MSMEs को मिलेगा प्रोत्साहन
समझौते में स्टार्टअप्स और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) को सहयोग देने के विशेष प्रावधान हैं, जिससे छोटे व्यवसायों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा।
4. सेवाओं के क्षेत्र में सहयोग
सेवाओं के आदान-प्रदान में भी यह समझौता एक नया रास्ता खोलेगा, खासकर शिक्षा, वित्तीय सेवाएं, और पेशेवर सेवाएं क्षेत्रों में।
प्रधानमंत्री की यूके यात्रा की मुख्य झलकियाँ:
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ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ उच्च स्तरीय वार्ता
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व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई समझौते
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भारतीय समुदाय के नेताओं से मुलाकात और संवाद
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ब्रिटेन में भारतीय निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष बैठकें
निष्कर्ष
CETA पर हस्ताक्षर के साथ, भारत और ब्रिटेन के आर्थिक संबंधों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। यह समझौता दोनों देशों के लिए "विन-विन" स्थिति है और वैश्विक व्यापार में भारत की भूमिका को और मज़बूत करेगा।
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SOURCE: BUREAU
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