नई दिल्ली: माननीय सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहा – हिमालय के साथ हिमाचल में आपदा का ख़तरा
नई दिल्ली: माननीय सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहा – हिमालय के साथ हिमाचल में आपदा का ख़तरा
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर हिमालयी क्षेत्र की पर्यावरणीय नाजुकता को लेकर गहरी चिंता जताई है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पर्यावरण संरक्षण और हिमाचल की जलवायु संवेदनशीलता पर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि सिर्फ हिमाचल प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरा हिमालयी क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं के खतरे में है और इस साल इन आपदाओं का असर काफी हिंसक रहा है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
इससे पहले अगस्त 2025 में दो जजों की बेंच ने खुद संज्ञान लिया था, जिसके बाद अदालत ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों से एक्शन प्लान मांगा था। राज्य सरकार की रिपोर्ट में कहा गया कि हिमाचल प्रदेश में ग्लेशियरों की संख्या में कमी आई है, जो जलवायु परिवर्तन का एक स्पष्ट संकेत है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि राज्य में बादल फटने, अचानक बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाओं में इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स शायद राज्य में विनाश का मुख्य कारण नहीं हैं। आपको बता दें कि 28 जुलाई की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था – अगर हिमाचल में निर्माण कार्य और विकास योजनाएं इसी तरह बिना वैज्ञानिक दृष्टिकोण के चलती रहीं तो वह दिन दूर नहीं जब हिमाचल देश के नक्शे से गायब हो जाएगा, भगवान करे कि ऐसा न हो। अब माननीय कोर्ट ने पूरे हिमालय रीज़न पर आपदा का ख़तरा बताया है, जो हिमाचल के अस्तित्व पर सवालिया निशान है।
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SOURCE: BUREAU
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